Thursday, January 20, 2011

नया बहाना..


कुछ भी नहीं भूला हूँ...
तुम्हे भी और
खुद को भी
सब कुछ याद हैं
बिलकुल वैसे ही
जैसे की वो था कभी..
क्या वाकई में कुछ भूलतें हैं
बस एक बहाना बनाते हैं
जैसे की नींद आने का
फिर आखें मुद्ने का
और सो जाने का ..
फिर कहते हैं की
भूल गया हूँ
सब कुछ
खुद को भी
और तुम को भी
ना जाने कैसे कैसे बहाने
सिर्फ भूलने को...
या याद करने का एक
नया बहाना..

No comments:

Post a Comment